इस लेख में हम Solar Cell Construction And Working in Hindi में जानेंगे. ये प्रश्न आपके परीक्षा के लिए काफी महत्वपूर्ण है. इस प्रश्न आपके परीक्षा में 5 अंक में आता है. ये प्रश्न हिंदी में सौर सेल क्या है? सौर से की संरचना व कार्यविधि लिखिए. इस तरीके से पूछता है.
ये प्रश्न काफी आसन प्रशन है. दोस्तों यह प्रश्न बोर्ड परीक्षा में कई सालों से पूछा जा रहा है मैंने कई पेपर में देखा है कि सौर सेल से प्रश्न आता ही आता है पूछ देगा क्या है? कार्य विधि लिखिए संरचना लिखिए तो ऐसे प्रश्न इस पर बनते हैं, तो आज हम इस लेख में यही देखेंगे कि इसकी संरचना क्या है? और इसकी कार्य विधि क्या है? और सौर सेल की परिभाषा क्या है?
सौर सेल क्या है? – What is solar cell?
सौर सेल सुनकर आप कंफ्यूज मत होइए. सौर सेल सोलर सेल को कहा जाता है वही सोलर जो आपने छतों पर मकानों पर और तो और बिजली के खंभों पर आपने देखा होगा वही सोलर के बारे में आपको यहां पढ़ना है तो आइए जानते हैं कि सोलर सेल क्या होता है?
सौर सेल एक विशिष्ट प्रकार का अग्र अभिनत p-n संधि डायोड होता है, जो सौर ऊर्जा यानिक प्रकाश ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करता है.
यहां पर मैं बहुत छोटा सा परिभाषा दिया है. यदि आपकी परीक्षा में पूछता है कि सौर सेल क्या होता है या फिर सोलर सेल क्या होता है? तो आप यहां पर दिया गया आंसर लिख सकते हैं. यह काफी आसान उत्तर है और यह बहुत आसानी से याद हो जाएगा.
सौर सेल की संरचना – Solar Cell Construction
सौर सेल मे P-n सन्धि डायोड का P-क्षेत्र को पतला रखा जाता है. जिससे इस पर प्रकाश (फोटान) बिना अधिक अवशोषित हुए, सीधे P-n संधि डायोड पर पहुंच जाता है. P-क्षेत्र को एक धात्विक इलेक्ट्रोड द्वारा जोड़ा जाता है. जो ऐनोड का कार्य करता है. डायोड के P-क्षेत्र तथा n-क्षेत्र दोनों के पदार्थों की प्रकृति एक समान होती है. n-क्षेत्र की मोटाई p-क्षेत्र से अधिक होती है और इसके निचे धातु की परत होती है जो कैथोड की भाती कार्य या व्यवहार करती है।

सौर सेल की कार्यविधि – Solar Cell Working in Hindi
कार्यविधि – सौर सेल बनाने के लिए सिलिकान, तथा गैलियम आर्सेनिक अर्द्धचालक का प्रयोग किया जाता है. यह अर्द्धचालक की तुलना में काफी श्रेष्ठ होते है. जब सूर्य की प्रकाश सौर सेल (सोलर सेल) पर गिरता है तो p-क्षेत्र को पार कर p-n संधि तक पहुँच जाता है. जिससे सहसंयोजी बन्धो को तोड़कर इलेक्ट्रॉन – कोटर उत्पन्न कर देता है. अवक्षय परत में n-क्षेत्र से p-क्षेत्र की ओर विद्युत क्षेत्र होता है इसलिए इलेक्ट्रान n- क्षेत्र की ओर गति करते है तथा शेष बचे कोटर p-क्षेत्र में रह जाते है जो कि p-क्षेत्र की ओर गति करते हैं तथा शेष बचे इलेक्ट्रॉन n – क्षेत्र में रह जाते हैं. इस प्रकार यह सौर सेल एक बैटरी की तरह कार्य करता है.
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Video Lecture – Solar Cell Construction And Working in Hindi
अगर आपको पढ़कर समझ में नहीं आता है. सौर सेल क्या है सौर सेल की कार्य विधि और संरचनाएं तो मैं यहां पर एक वीडियो लेक्चर दे रखा है. यह मैंने अपने यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया है. आप नीचे क्लिक करके यह वीडियो देख सकते हैं और आप आसानी से समझ सकते हैं.
दोस्तों जैसा कि आप ऊपर देख सकते हैं. मैंने एक वीडियो दिया है यदि आपको यह टॉपिक पढ़कर समझने में दिक्कत हो रही है या फिर आप परेशानियों का सामना कर रहे हैं, तो आप ऊपर दिए गए वीडियो को पूरा देखें और इस टॉपिक को समझें. यदि इस टॉपिक को आप समझ लेते हैं तो आपके 5 अंक फिक्स हो जाएंगे.
Conclusion
अंत में मैं यही कहना चाहूँगा की आप सौर सेल क्या है? सौर सेल की संरचना व कार्यविधि को याद कर ले. यही प्रश्न अग्रेजी में Solar Cell Construction And Working पूछता है. दोस्तों यह काफी महत्वपूर्ण प्रश्न है. आपकी परीक्षा के दृष्टि से इसलिए मैं इसे कह रहा हूं कि आप इसको हंड्रेड परसेंट याद कर लीजिएगा और देखा जाए तो यह काफी आसान प्रश्न भी है.
शुरू शुरू में मुझे देखने में लगा कि यह काफी डिफिकल्ट या फिर काफी कठिन भरा प्रश्न है और मुझे याद करने में समस्या होगी क्योंकि हमने जब भी देखा तो बुक में काफी बड़ा-बड़ा लिखा था. जिसको देखकर हमें डर लग रहा था. मेरे से याद होने वाला नहीं है. बाद में मैं उसे टॉपिक को कम से कम 5 से 6 बार लगातार पढ़ा और उसे समझने की कोशिश किया और उसके बाद मैंने इसको शॉर्ट नोट्स में तब्दील किया जो आपके सामने है.
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